कहानी नम्बर- एक: इस कहानी के अनुसार अवागढ़ के राजा अपने 2 कुत्तों के साथ जंगल में शिकार कर रहा था। कुत्तों ने एक लोमड़ी को देखा और भौंकना शुरू कर दिया और उसका पीछा किया। लोमड़ी अपने आप को राजा के कुत्तों से बचाने की कोशिश में भागने लगी, लेकिन जब वह एटा के एरिया में पहुँची तो लोमड़ी ने राजा के कुत्तों को वापस खदेड़ दिया।
राजा लोमड़ी में व्यवहार परिवर्तन से हैरान था। इसलिए, उन्होंने सोचा कि इस जगह के हवा-पानी में कुछ ऐसा होगा जिस से यह दब्बू लोमड़ी भी अपनी ऐंठ में आ गयी। इसलिए, इस जगह को ऐंठा नामित कर दिया।
कहानी नम्बर- दो: पुराने समय में, एटा को आक्रमक यादव और गुज़र समुदाय की वजह से “ऐंठा” कहा जाता था जिसका मतलब है कि ‘आक्रामक रूप से जवाब देना’ या अपनी ऐंठ में रहना। कहानी नम्बर- तीन:
एक और कहानी है, जिसके अनुसार यहां एक भटका हुआ व्यक्ति पानी की तलाश में, जमीन में खुदाई कर रहा था और उसके पैर से एक ईंट लग गयी, गुस्से में उसने ईंट को उठा मारा शायद इसी के कारण एटा का पुराना नाम ‘इंटा’ कहलाता है, और बाद में यह शब्द एटा में बदल गया।
यह कहानियाँ बहुत ही इन्टरेेस्टटिगंं है लेकिन इन कहानियों की विश्वसनीयता को प्रमाणित नहीं किया जा सकता।