25 मार्च 2020 से देश में पूर्ण लाॅकडाउन लागू हो गया था। यह एक अप्रत्याशित कदम था और विभिन्न अफवाहों व भ्रान्तियों को दूर करने के लिए सभी अपने - अपने तरीके से लोगों में कोरोना- कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे थे और कर रहे हैं।
एटा से विलाॅन्ग करने वाली समाजसेवी व पूर्व सांसद श्रीमती सत्या बहन जी ने व्हाट्सएप अवेयरनेस मेसेज
कैम्पेन द्वारा इसी संदर्भ में लोगों का आवाहन किया।
खासकर उनहोंने जोर दिया कि social distancing की जगह physical distancing पे जोर देना चाहिए।
social distancing या सामाजिक दूरी एक नाकारात्मक शब्द है। सामाजिक दूरी या भेदभाव तो भारत के समाज में बहुतायात में है इसे प्रचारित कर लोगों को गरीब व दलित जनता को प्रताड़ित करने का नया औजार लोगों को न सौंप दिया जाये।
इसके अलावा उन्होंने जोर देकर कहा कहा कि हम सभी लोगों ने पुलिस, डाक्टरों- नर्सों व मैडिकल स्टाफ के लिए ताली, दीपक व थाली बजाकर सम्मान दिखाया- हौसला बढाया, अच्छी बात है। साथ ही हमें गरीब तबके के उन लोगों को जो बिना PPE किट के रोज न केवल हास्पीटल में बल्कि हमारी- तुम्हारी सोसाइटी- मुहल्ले को लाॅकडाउन में भी आकर साफ रख रहे हैं उनके प्रति आभार प्रकट करना भी उतना ही जरूरी है।
तो कोरोना से इस लडाई में सभी छोटे- बढे, गरीब-समृद्ध सभी का योगदान है और हमें सभी के कामों की सराहना करनी चाहिए।
और 8 जून के बाद भी हमें अपनी सतर्कता बनाये रखनी है और सभी सुझायी गयीं सावधानियों को बरतते रहना है।
स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहें।
धन्यवाद।